आखिर पाकिस्तान ने अपनी दो कौड़ी की औकात दिखा ही
दी| सीमा पर गस्त करते भारतीय सैनिकों की टोली पर गीदड़ों की माफ़िक पीछे से वार
करके हमारे दो सैनिक लांस नायक हेमराज व सुधाकर के सिर काट कर अपने साथ ले गए और उनके शरीर को
क्षत-विक्षत कर दिया| पाकिस्तान बार बार युद्धविराम नियमों का उल्लंघन करता है और
भारत सरकार हर बार विदेश मंत्रालय में सिर्फ अपना विरोध दर्ज करा देती है और
भारतीय जनता को सम्बोधित करते हुए इतना ही कहती है कि हम बदला लेंगे, यह बर्दाश्त
नहीं किया जाएगा|
पाकिस्तान के ना-पाक इरादे हमेशा ही सामने आते
रहते हैं और हम हर बार उन्हें सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ देते हैं| पिछले तीन सालों
में पाकिस्तान ने करीब १४८ बार युद्धविराम नियमों का उल्लंघन किया है जिसमें हमारे
अनेक जवान और नागरिक शहीद हुए हैं पर भारत सिर्फ चेतावनी से काम चला रहा है|
हम क्यों हर बार पाकिस्तान के साथ भाईचारा निभा
रहे हैं जबकि पाकिस्तान हमारा जन्मजात दुश्मन है| पाकिस्तान को जब भी मौका मिला है
तब तब वह भारतीय सीमा में घुसकर हमारी ही पीठ पर वार किया है| चाहें कारगिल युद्ध
हो या मुम्बई में आतंकी हमला, हम हर बार सिर्फ बदला लेंगे कह कर चुप क्यों हो जाते
हैं| हमारे जवानों की जाने सस्ती हैं क्या जो पाकिस्तानी कुत्ते हर बार नोंच ले
जाते हैं| क्या भारतीय माँओं की कोख और सुहागिनों का सिन्दूर सिर्फ उजड़ने के लिए
ही बना है? हर बार हम पकिस्तान के साथ शान्तिवार्ता को आगे बढाते है पर पाकिस्तान
हर बार शांतिवार्ता को विफल करता है और तोहमत भारत पर मढ़ता है| अब समय आ गया है कि
हमें उसके साथ व्यापारिक सम्बन्धों, राजनीतिक सम्बन्धों और मनोरंजन एवं सांस्कृतिक
सम्बन्धों को तिलांजलि दे दे| रतन टाटा एक निजी क्षेत्र के व्यापारी होकर
पाकिस्तान के साथ कोई व्यापार नहीं करना चाहते तो भारत सरकार क्यों पाकिस्तान के
तलवे चाटने पर तुली है|
पाकिस्तान जिस प्रकार हर बार भारत सरकार की लचर
और ढुलमुल रवैये का फ़ायदा उठाकर हमारे जवानों की पीठ पर वार करता है अगर कहीं हमारे
सैनिकों ने अंधी, गूँगी और बहरी भारत सरकार का फायदा उठा लिया तो दोज़ख में सड़ता
हुआ पाकिस्तान का बाप भी उसे विश्व पटल पर नहीं ढूढ़ पाएगा|
अब बहुत हो चुका, भारत सरकार को क्रिकेट मैच के
द्वारा शान्ति प्रचार के बजाय एक बार फिर से सीमा पर मैच करा कर शान्ति को बहाल
करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि लातों के भूत बातों से नहीं मानते| पाकिस्तान की
कभी इतनी औकात ही नहीं थी और न कभी होगी कि वो भारत के साथ बराबर में खड़ा हो| यह
तो भारत का बड़प्पन है जो भिखारी पाकिस्तान को अपने बराबर बैठा लेता है| पाकिस्तान
ज़मीन के जिस टुकड़े पर इतराता फिरता है उसे यह नहीं भूलना चहिये कि वो जमीन का
टुकड़ा भारत ने उसे खैरात में दिया है| वरना वो लावारिसों की तरह यहाँ वहाँ पूरे
विश्व में भीख माँग रहा होता| देश का छोटा बच्चा तक जानता है कि कुत्तों को घी हज़म
नहीं होता फिर भी पता नहीं क्यों भारत सरकार पाकिस्तानी कुत्तों को शांतिवार्ता का
घी पिलाने पर उतारू है?
बेशक़ भारत के शीर्षस्थ नेताओं ने चूड़ियाँ पहन रखी
हैं पर देश के जवानों ने नहीं| उन्हें अभी तक अपनी मातृभूमि की आन बान शान पर मरना
और मारना आता है| वो तो हमारे जवान हैं जो देश और देश की आचार-संहिता का पूरा
सम्मान करते हैं वरना इन गीदड़ों को मारने के लिए हमारे जवानों को पलभर भी नहीं
लगेगा| अगर भारतीय जवानों सनक गए तो करांची से घुसेगें और सीधे इस्लामाबाद से ही
निकलेगें| सुधर जाओ पाकिस्तान क्यों अपनी मटियामेट कराने पर तुले हो| भिखारियों को
ज़्यादा मुँह नहीं खोलना चाहिए वरना निवाला देने वाला मालिक मुँह पर सीधे लात ही
मारता है|

देश के नपुंसक शासक हर बार हमें और हमारे जवानों
को इन दो टके के कुत्तों को बर्दाश्त करने पर विवश कर देते हैं| अगर इन नेताओं से
कुछ नहीं होता तो चूड़ियाँ पहनकर किनारे क्यों नहीं हो जाते... हम इन कुत्तों को
पलभर में मिटा कर भारत का झंडा इस्लामाबाद में गाड़ कर आ जाएगें| बार बार दुश्मन को
माफ़ करना या नज़रअंदाज़ करना उदारता नहीं कायरता कहलाती है| अब बहुत हो चुका भारत को
अब कठोर कदम उठाना ही होगा वरना ये भिखारी भेड़िये हमारे देश की अस्मिता पर बार बार
हाथ डालते रहेगें|
अभी तक तो पाकिस्तान आतंकी घुसपैठ कर रहा था भारत
में परन्तु अब वह सैन्य घुसपैठ पर उतारू हो गया है| शायद १९९९ का कारगिल युद्ध भूल
गया है| अब समय आ गया है कि पाकिस्तान अपनी औकात दिखाए उससे पहले हमें उसे उसकी
औकात दिखा देनी चाहिए|
भारत का बच्चा बच्चा, पाकिस्तानियों की तरह
गीदड़ों और सूअरों की औलादें नहीं बल्कि शेर की औलादें हैं और भारतीय सेना का हर जवान
शेरों की तरह ही सामने से वार करता है|
सालों अगर एक बाप की औलाद हो तो सामने से वार करो
फिर देखो हम कैसे तेरी ########## एक करते हैं|
जय जवान जय भारत...